*उर्स हज़रत सैय्यद जमामलोद्दीन जानेमन जन्नती र.अ. की शुरूआत*
बिहार ज़िला नालन्दा
शहर हिलसा: एजाज़ गुलाब शाह
*दम मदार बेड़ा पार*
कहते हैं एक बार हज़रत सैय्यद जमालुद्दीन जानेमन जन्नती हब्स ए दम (सूफ़ियों के ध्यान का एक तरीका जिसमे ला इलाहा बोलकर सांस अंदर खींच ली जाती हैं और फिर उसे अंदर ही रोक लिया जाता है और फिर काफी देर बाद इल्ललाह बोलकर सांस बाहर छोड़ी जाती है.) में बैठे थे . सांस अंदर रोकने की वजह से उनकी धमनियों पर असर पड़ा और उनके माथे से खून रिसने लगा . इसी बीच हज़रत शाह मदार का उनकी कुटिया में आगमन हुआ. शैख़ ने जब देखा कि मुरीद के सर से ख़ून रिस रहा है तो उन्होंने बगल में धूनी में पड़ी राख उठाकर उनके सर पर मल दी जिस से खून का बहाव रुक गया. थोड़ी देर पश्चात जब हज़रत जानेमन जन्नती ने आँखें खोली तो उन्हें बताया गया कि उनके पीर ने उनके सर पर हाथ रखा था. यह सुनकर उन्होंने आह्लादित शब्दों में ऐलान किया कि जिन बालों पर मेरे मुर्शिद ने हाथ लगाया उनको मैं कभी नहीं काटूंगा . तभी से मलंगों में बाल न कटवाने की परम्परा चल निकली जो आज भी कायम है. मलंगों में नए सदस्य के आगमन पर एक पक्षी की क़ुरबानी दी जाती हैं और शाह मदार की दरगाह के पास के ही एक पेड़ की शाखों पर लोहे की कील ठोकी जाती है.
सैय्यद जमालुद्दीन जानेमन जन्नती की दरगाह हिलसा, बिहार में हैं जिसका निर्माण 1593 AD में दरभंगा के जुम्मन मदारी ने करवाया था .तज़्किरात उल मुतक़्क़ीन में इनका हवाला है. यहाँ इनकी दरगाह के आठ गुम्बद हैं. दरगाह के अलावा गौर से देखने पर ख़ानक़ाह और नौबत खाना के अवशेष स्पष्ट परिलक्षित होते है .
तमाम आलमे इस्लाम और देशवासियो को सज्जादानशीन अशरफअली शाह हुसैनी दिवानगान मदारी(हिल्सा शरीफ,ज़िला नालन्दा बिहार) की जानीब से गौसपाक अब्दुल कादिर जिलानी के सगे भांजे और मदारुल आलमीन हज़रत बडिउद्दीन ज़िन्दा शाह मदार के चहीते खलीफा इमामे सिलसिला गिरोहे दिवागान हजरत सैय्यद मोहम्मद जमालुद्दीन जानेमन जन्नती र.अ.(हिल्सा बिहार)का उर्स बहोत बहोत मुबारक हो।मोहर्रम की 14,15,16 अंग्रेजी तारीख24,25,26 अगस्ट को उर्स मनाया जा रहा है।इस उर्स के मौके पर सदर खलीफा मुस्तुफाशाह हुसैनी दिवानगान मदारी(गोतरकाशरीफ,गुजरात)तैय्यबअलीशाह दिवानगान मदारी सज्जादानशीन(कामटीशरीफ,नागपुर)सैय्यद अमानुल्लाह शाह दिवानगान मदारी मुतवल्ली(कोलारशरीफ कर्नाटका)मोहम्मद अलीशाह मदारी गादीनशीन(मदार चिल्ला मंदसोर एमपी)अजमतअलीशाह दिवानगान मदारी(अकोला महाराष्ट्रा)सज्जादानशीन सैय्यद शहबाज अली शाह मदारी(हजरत मक्का शाह औलिया,बडी दरगाह नांदेड)ईब्राहीमशाह आशकान मदारी(सज्जानशीन बाबा होम कल्याण मुंबई महाराष्ट्रा)ईब्राहीमशाह मदारी (तमिलनाडु)काजी सैय्यद उमर अली आशकान मदारी(मावर शरीफ युपी)अब्दुल अहद वारसी(मुतवल्ली किंतुर शरीफ युपी)खादीम ईस्माईल शाह आशकान मदारी(मदार चिल्ला मलकपेट हैदराबाद)शकीलशेख(खादीम, गुलाबशाह बाबा,सांताक्रुझ मुंबई)भी हजरात ने मुबारकबाद पेश की। सभी हजरात ने देश से कोरोना बिमारी खत्म हो ऐसी दुवा की।कोरोना वायरस के चलते सभी अकीदतमंद अपने घर पर ही नियाज करके यतीम,गरीब,लाचार लोगो मे तक्सीम करे।और दुआ करे कोरोना वायरस जल्दी खत्म हो।देश मे अमन और भाईचारा कायम रहे।
*दम मदार बेड़ा पार*
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